किसी के इतने पास न जा
के दूर जाना खौफ़ बन जाये
एक कदम पीछे देखने पर
सीधा रास्ता भी खाई नज़र आये!!
किसी को इतना अपना न बना
कि उसे खोने का डर लगा रहे
इसी डर के बीच एक दिन ऐसा न
आये
तु पल पल खुद को ही खोने लगे!!
किसी के इतने सपने न देख
के काली रात भी रन्गीली लगे
आंख खुले तो बर्दाश्त न हो
जब सपना टूट टूट कर बिखरने
लगे!!
किसी को इतना प्यार न कर
के बैठे बैठे आंख नम हो
जाये
उसे गर मिले एक दर्द
इधर जिन्दगी के दो पल कम हो
जाये!!
किसी के बारे मे इतना न सोच
कि सोच का मतलब ही वो बन जाये
भीड के बीच भी
लगे तन्हाई से जकडे गये!!
किसी को इतना याद न कर
कि जहा देखो वो ही नज़र आये
राह देख देख कर कही ऐसा न हो
जिन्दगी पीछे छूट जाये!!
ऐसा सोच कर अकेले न रहना,
किसी के पास जाने से न डरना
न सोच अकेलेपन मे कोई गम नही,
खुद की परछाई देख बोलोगे "ये
हम नही"
Saturday, March 21, 2009
Monday, February 16, 2009
''जिन्दगी''
क्या-क्या रंग दिखाती है जिन्दगी,
अपने बिछ्डो की याद दिलाती है जिन्दगी!
रो- रो कर भी हँसना सिखाती हैं जिन्दगी,
फूलो में रहकर कांटो पर चलना सिखाती है जिन्दगी!
बेगानों को भी अपना बनाती है जिन्दगी,
दूर रहकर भी पास होने का एहसास कराती है जिन्दगी!
एक पल में हजार रंग दिखाती है जिन्दगी,
कभी पतझड़ कभी गुलशन बन जाती है जिन्दगी!
फूलो की तरह मुरझाती है जिन्दगी,
तितली की तरह उड़ जाती है जिन्दगी!
गिरगिट की तरह रंग बदल जाती है जिन्दगी,
क्यो न इसे जिया जाय,
क्योकि सब कुछ खोकर भी जीना सिखाती है जिन्दगी.....
Monday, February 9, 2009
''एहसास''
दूर होकर पास हो तुम,
रेशमी एहसास हो तुम!
प्यासी रे गिरताप की मैं,
तृप्ति का आभास हो तुम!
शब्द लगते छंद जैसे,
गति का विन्यास हो तुम!
कुछ तो,कुछ तो बात है जो,
ख़ास में भी ख़ास हो तुम!
जेष्ठ की हूँ दोपहर मैं,
और श्रावन मास हो तुम!
साधना होगी सफल मेरी,
एक ऐसी आस हो तुम !
फूल घाटी मधुबन की,
वास का आभास हो तुम!
मौन प्रतिमा सी हूँ मैं,
यूँ मुखर बिंदास हो तुम!
क्या भला अस्तित्व तुम बिन,
क्योकि मेरी साँस हो तुम!!
Saturday, February 7, 2009
''फरेब ऐ नज़र''
तू चाहे मुझे ऐसी किस्मत कहाँ थी,
कहाँ मैं कहाँ तू ये निस्बत कहाँ थी !
तेरी बेरुखी सहे ये दिल मजबूर था,
मेरा हाल जाने तू तुझे फुर्सत कहाँ थी!
मेरी चाहतो की तुझे क्या ख़बर थी,
तू सोचे मुझे ये तेरी फितरत कहाँ थी!
तुझे अपने मन से निकालू तो कैसे,
मैं पा लू तुझे ये मेरी किस्मत कहाँ थी!
जो बन जाता मेरा कहीं हमसफ़र तू,
भला ऐसी अपनी किस्मत कहाँ थी!
जिसे सुनकर तुने मुंह फेर लिया,
ये तो अर्जी थी मेरी शिकायत कहाँ थी!
तू जो कुछ भी था एक बहम था,
फरेब ऐ नज़र था हकीक़त कहाँ थी........
Thursday, February 5, 2009
''यादे''
आज बहुत दिनों बाद मन में ये ख़याल आया !
क्या कोई इतना भी अपना हो सकता है,
कि ये दिल उसकी यादो को ही चुरा लाया!
कभी गमो में डुबोकर रुलाया,
कभी मीठी यादो ने आकर हँसाया!
इन यादो ने सबको पागल बनाया,
इसने हर इंसान के दिल को रुलाया!
आंसुओ कि ताबीर पर भी इसने शमा को जलाया,
ये यादो के परवाने तुने किस किस को न अपना बनाया!
Friday, January 30, 2009
''हसरत''
Wednesday, January 28, 2009
जुनू ..
Monday, January 26, 2009
ऑंखें..
दिल की बातें,बता देती है आखें,
धडकनों को जगा देती हैं ऑंखें !
दिल पर चलता नही जादू ,चेहरों का कभी,
दिल को तो,दीवाना बना देती हैं ऑंखें !
वो हम से बात नही करते, तो न करे,
हाल सारा उनके दिल का,सुना देती हैं ऑंखें !
ग़म सदा रहते नही,आदमी के साथ,
अश्क बना कर, छलका देती हैं ऑंखें !
आता है जब दौरे - ऐ- जवानी, तो ऐ दोस्तों,
सुंदर सपने जेहन में ,बसा देती हैं ऑंखें !
माना की नींद आती है, आँखों ही के रास्ते,
मगर कभी- कभी,नींद उडा देती हैं ऑंखें !
दर्द -ओ- गम,सारे दिल के ,छुपा देती हैं ऑंखें !!
Saturday, January 24, 2009
Friday, January 23, 2009
जय हिंद....
लूटने हमको आया कोई सात समंदर पार से,
कोई घोड़े पे बैठ कर हाथ मे तलबार से!
बहा दिए लहू के दरियें,छोड़ा ना हौसला हम ने,
वो कुछ ना कर सके, डटे रहे हम तूफान में!
कुछ चड़ गये हँस-हँस के फासी, कुछ ने खाई लाठिया,
कितनो को मारा उन्होने, अपने हथियार से!
हर कोई कर देता, अपना सीना गर्व से आगे,
कोई साथ रहा तो, कही डूब गये अपनो की मौत से!
झलक गये आँखो से पैमाने ,बने जब दो वतन,
फिर लड़ पड़े हम हिंदू मुस्लिम के नाम से!
आज हिंद के दिल का दुकडा पकिस्तान हो गया,
उसी की चोटों से हिंद का दिल बरबाद हो गया!
कहा से कहा आ गए सोचते है बैठ के,
मन भर जाए, ग़म से पार डटे रहे हम तूफ़ान से!
कही किसी की नज़र ना लग जाए आज की फ़िज़ा को,
हर देशबासी बधा रहे, एक दूजे के हाथ से!!
Sunday, January 11, 2009
ये दोबारा कब होगा ????
राह देखी थी कब से इस दिन की,
आगे के सपने सजा रखे थे नजाने कब से!
बड़ी उतावली थी यहाँ से जाने को ,
जिंदगी का अगला पडाव पाने को!
पर न जाने क्यो दिल में आज कुछ और आता है,
वक्त को रोकने का जी चाहता है!
जिन बातो को लेकर रोते थे,आज उन पर हँसी आती है,
न जाने क्यो आज उन पलों की याद बहुत आती है!
कहा करते थे बड़ी मुश्किल से दो साल सह गए ,
पर आज क्यो लगता है हम कितना कुछ खो गए!
न भूलने वाली कुछ यादे रह गई,
यादे जो अब जीने का सहारा बन गई!
मेरी टांग अब कौन खींचेगा,
सिर्फ़ मेरा सर खाने कौन मेरा पीछा करेगा,
जहाँ २००० का हिसाब नही वहां २ रुपए के लिए कौन लडेगा!
कौन रात भर साथ जाग कर पढेगा ,
कौन मेरी नोट बुक मुझसे बिना पूछे ले जाएगा,
कौन मेरे नए नाम बनाएगा,
कौन फ़ेल होने पैर दिलासा दिलाएगा,
कौन गलती से नम्बर आने पैर गालिया सुनाएगा!
कैंटीन में चाय किस के साथ पियेंगे,
वो हसींन पल अब किस के साथ जियेंगे!
मेरे ख्वावों से परेशान कौन होगा,
कभी मुझे किसी लड़के से बात करते देख हैरान कौन होगा!
अचानक बिन मतलब के किसी को देखकर पागलो की तरह हँसना,
न जाने ये कब होगा .... ..
दोस्तों के लिए कौन प्रोफेसर से लडेगा,
क्या हम ये फ़िर कर पाएंगे!
कौन मुझे मेरी काबिलियत पर भरोसा दिलाएगा,
और जायदा हवा में उड़ने पर ज़मीन पर कौन लायेगा!
मेरी खुशी में सच में खुश कौन होगा,
मेरे गम में मुझसे जायदा दुखी कौन होगा ...
कह दो दोस्तों ये दोबारा कब होगा ????
Wednesday, January 7, 2009
प्यार चुरा ले जाउंगी..............
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