Thursday, February 5, 2009
''यादे''
आज बहुत दिनों बाद मन में ये ख़याल आया !
क्या कोई इतना भी अपना हो सकता है,
कि ये दिल उसकी यादो को ही चुरा लाया!
कभी गमो में डुबोकर रुलाया,
कभी मीठी यादो ने आकर हँसाया!
इन यादो ने सबको पागल बनाया,
इसने हर इंसान के दिल को रुलाया!
आंसुओ कि ताबीर पर भी इसने शमा को जलाया,
ये यादो के परवाने तुने किस किस को न अपना बनाया!
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बहुत अच्छी रचना है।
ReplyDeleteयादें...उम्र भर साथ चलती हैं और उसके बाद हमें खुद में जिन्दा रखती हैं.
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