Monday, January 26, 2009
ऑंखें..
दिल की बातें,बता देती है आखें,
धडकनों को जगा देती हैं ऑंखें !
दिल पर चलता नही जादू ,चेहरों का कभी,
दिल को तो,दीवाना बना देती हैं ऑंखें !
वो हम से बात नही करते, तो न करे,
हाल सारा उनके दिल का,सुना देती हैं ऑंखें !
ग़म सदा रहते नही,आदमी के साथ,
अश्क बना कर, छलका देती हैं ऑंखें !
आता है जब दौरे - ऐ- जवानी, तो ऐ दोस्तों,
सुंदर सपने जेहन में ,बसा देती हैं ऑंखें !
माना की नींद आती है, आँखों ही के रास्ते,
मगर कभी- कभी,नींद उडा देती हैं ऑंखें !
दर्द -ओ- गम,सारे दिल के ,छुपा देती हैं ऑंखें !!
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ग़म सदा रहते नही,आदमी के साथ,
ReplyDeleteअश्क बना कर, छलका देती हैं ऑंखें !
सुंदर लिखा, बेहतरीन लिखा
ग़म सदा रहते नही,आदमी के साथ,
ReplyDeleteअश्क बना कर, छलका देती हैं ऑंखें !
माना की नींद आती है, आँखों ही के रास्ते,
मगर कभी- कभी,नींद उडा देती हैं ऑंखें !
बहुत सुंदर पंक्तियाँ हैं .
वाह अर्चना जी।
ReplyDeleteआँखे कितना कुछ कह देती है।
बहुत बढ़िया रचना। बधाई स्वीकार करें।
बहुत खूब कहा है आपने, हिन्दी ब्लोग्स की दुनिया में स्वागत है। खुदा आपको कामयाबी दे।
ReplyDeleteग़म सदा रहते नही,आदमी के साथ,
ReplyDeleteअश्क बना कर, छलका देती हैं ऑंखें
bahut sundar kavita likhi hai aapne.
aapko pahli baar padha or bahut achha laga.
kya baat hai...
ReplyDeleteबहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeletenice post !!
ReplyDeleteग़म सदा रहते नही,आदमी के साथ,
अश्क बना कर, छलका देती हैं ऑंखें !
माना की नींद आती है, आँखों ही के रास्ते,
मगर कभी- कभी,नींद उडा देती हैं ऑंखें !
khoobsurat khayal hai .
with best compliments
amitabh
आज आपका ब्लॉग देखा... बहुत अच्छा लगा. मेरी कामना है की आपके शब्दों को ऐसी ही ही नित-नई ऊर्जा, शक्ति और गहरे अर्थ मिलें जिससे वे जन सरोकारों की सशक्त अभिव्यक्ति का समर्थ माध्यम बन सकें....
ReplyDeleteकभी फुर्सत में मेरे ब्लॉग पर पधारें;-
http://www.hindi-nikash.blogspot.com
शुभकामनाओं सहित सादर-
आनंदकृष्ण, जबलपुर
sundar, khoob, bahut khoob, jitnee bhi tareef ki jaye kam hai.
ReplyDelete----------------------------------------------"VISHAL"
bahut khoob!
ReplyDeleteintroduction to aur shandar hai!
wahh wahhh aapki apni baat or chitta dono sundar hai....swagat hai....mere blog par bhi padharen
ReplyDeleteJai Ho Magalmay Ho
आपका अंदाज़ अनूठा है
ReplyDeleteरसात्मक और सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteरसात्मक और सुंदर अभिव्यक्ति
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