Friday, January 30, 2009

''हसरत''


हमने मांगी थी अक्सर दुआए बहुत,
हसरतो को मगर,उम्र दे न सके !

तेरे दामन को भर देते फूलों से हम,
कांटो को पर अलग उनसे कर न सके!

बेखुदी में जिए तो क्या गम है,
कभी ख़ुद को जुदा तुमसे कर न सके!

दर्द की सीप में बंद मोटी मिले,
कतरे उन अश्को के जो गिर न सके!!

Wednesday, January 28, 2009

जुनू ..


हर गम मेरा उसे याद करता रहा,
और वो मुझे बरबाद करता रहा!

जब हुआ दीदारे जुनू का,
तो बस एक ही सवाल करता रहा!

क्यो किया मेरा खून अहले जुनू में,
मै तो तेरे विचारों को आवाद करता रहा!

कभी मन के अंदर से,
कभी मन के बहार से!

शायद तुम्हे मै नजर ही नही आया,
मै तेरा ही जुनू तुजे आवाज देता रहा!!

Monday, January 26, 2009

ऑंखें..


दिल की बातें,बता देती है आखें,
धडकनों को जगा देती हैं ऑंखें !

दिल पर चलता नही जादू ,चेहरों का कभी,
दिल को तो,दीवाना बना देती हैं ऑंखें !

वो हम से बात नही करते, तो न करे,
हाल सारा उनके दिल का,सुना देती हैं ऑंखें !

ग़म सदा रहते नही,आदमी के साथ,
अश्क बना कर, छलका देती हैं ऑंखें !

आता है जब दौरे - ऐ- जवानी, तो ऐ दोस्तों,
सुंदर सपने जेहन में ,बसा देती हैं ऑंखें !

माना की नींद आती है, आँखों ही के रास्ते,
मगर कभी- कभी,नींद उडा देती हैं ऑंखें !

दर्द -ओ- गम,सारे दिल के ,छुपा देती हैं ऑंखें !!

Friday, January 23, 2009

जय हिंद....


लूटने हमको आया कोई सात समंदर पार से,
कोई घोड़े पे बैठ कर हाथ मे तलबार से!

बहा दिए लहू के दरियें,छोड़ा ना हौसला हम ने,
वो कुछ ना कर सके, डटे रहे हम तूफान में!

कुछ चड़ गये हँस-हँस के फासी, कुछ ने खाई लाठिया,
कितनो को मारा उन्होने, अपने हथियार से!

हर कोई कर देता, अपना सीना गर्व से आगे,
कोई साथ रहा तो, कही डूब गये अपनो की मौत से!

झलक गये आँखो से पैमाने ,बने जब दो वतन,
फिर लड़ पड़े हम हिंदू मुस्लिम के नाम से!

आज हिंद के दिल का दुकडा पकिस्तान हो गया,
उसी की चोटों से हिंद का दिल बरबाद हो गया!

कहा से कहा आ गए सोचते है बैठ के,
मन भर जाए, ग़म से पार डटे रहे हम तूफ़ान से!

कही किसी की नज़र ना लग जाए आज की फ़िज़ा को,
हर देशबासी बधा रहे, एक दूजे के हाथ से!!

Sunday, January 11, 2009

ये दोबारा कब होगा ????


राह देखी थी कब से इस दिन की,
आगे के सपने सजा रखे थे नजाने कब से!
बड़ी उतावली थी यहाँ से जाने को ,
जिंदगी का अगला पडाव पाने को!
पर न जाने क्यो दिल में आज कुछ और आता है,
वक्त को रोकने का जी चाहता है!

जिन बातो को लेकर रोते थे,आज उन पर हँसी आती है,
न जाने क्यो आज उन पलों की याद बहुत आती है!

कहा करते थे बड़ी मुश्किल से दो साल सह गए ,
पर आज क्यो लगता है हम कितना कुछ खो गए!

न भूलने वाली कुछ यादे रह गई,
यादे जो अब जीने का सहारा बन गई!

मेरी टांग अब कौन खींचेगा,
सिर्फ़ मेरा सर खाने कौन मेरा पीछा करेगा,
जहाँ २००० का हिसाब नही वहां २ रुपए के लिए कौन लडेगा!

कौन रात भर साथ जाग कर पढेगा ,
कौन मेरी नोट बुक मुझसे बिना पूछे ले जाएगा,
कौन मेरे नए नाम बनाएगा,

कौन फ़ेल होने पैर दिलासा दिलाएगा,
कौन गलती से नम्बर आने पैर गालिया सुनाएगा!

कैंटीन में चाय किस के साथ पियेंगे,
वो हसींन पल अब किस के साथ जियेंगे!

मेरे ख्वावों से परेशान कौन होगा,
कभी मुझे किसी लड़के से बात करते देख हैरान कौन होगा!

अचानक बिन मतलब के किसी को देखकर पागलो की तरह हँसना,
न जाने ये कब होगा .... ..

दोस्तों के लिए कौन प्रोफेसर से लडेगा,
क्या हम ये फ़िर कर पाएंगे!

कौन मुझे मेरी काबिलियत पर भरोसा दिलाएगा,
और जायदा हवा में उड़ने पर ज़मीन पर कौन लायेगा!

मेरी खुशी में सच में खुश कौन होगा,
मेरे गम में मुझसे जायदा दुखी कौन होगा ...


कह दो दोस्तों ये दोबारा कब होगा ????

Wednesday, January 7, 2009

प्यार चुरा ले जाउंगी..............


इस बस्ती से प्यार चुरा ले जाउंगी,
दिल है बहुत बीमार दवा ले जाउंगी,
और क्या लायी क्या ले जाउंगी,
कुछ चहेरे आँखों में बसा ले जांउगी,
गहरी काली रातो से जंग है मेरी,
जिस दिन जुनू में आउंगी,
सूरज को मुट्ठी में दबा ले जाउंगी,
दुनिया से जिस रोज अना मै उठूंगी,
दुनिया की संगदिली साथ ले जाउंगी !